CRIME

जदयू के आरा- बक्सर विधानपार्षद को, रिमांड पर लेने की तैयारी में जुटी ईडी

बक्सर पब्लिक न्यूज़ :- जदयू के आरा-बक्सर विधान पार्षद (एमएलसी) राधाचरण सेठ को बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर गुरुवार के दिन जेल भेज दिया गया । ज्ञात होकि ईडी के टीम राधाचरण सेठ से कड़ी पूछताछ की बालू सिंडिकेट में फंसे राधाचरण पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।

रिमांड पर लेने की तैयारी में जुटी ईडी

जदयू के आरा बक्सर विधानपार्षद राधाचरण सेठ को जेल भेजने के बाद ईडी के अधिकारियों द्वारा अब रिमांड पर लेने की तैयारी चल रही है। जहां उन्हें कड़ी पूछताछ की जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जदयू के विधान पार्षद
बालू सिंडिकेट में फंसे राधाचरण सेठ पर केंद्रीय जांच एजेंसियों ने इस साल की शुरुआत से ही अपनी दबिश देनी शुरु की थी। पहले आयकर विभाग ने फरवरी महीने में टैक्स चोरी के मामले में उनके आवास पर छापा मारा था।

60 बैंक अकाउंट किए गए फ्रीज

आयकर की कार्रवाई को आधार बनाकर 6 जून, 2023 को प्रवर्तन निदेशालय ने सेठ के पटना, हजारीबाग, धनबाद और कोलकाता के साथ ही देश भर में कुल 24 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में एक करोड़ से अधिक नगद और 11 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज मिले थे। बैंक में छह करोड़ जमा होने की जानकारी भी मिली थी। इसके बाद सेठ के करीब 60 बैंक अकाउंट भी फ्रीज किए गए थे। छापेमारी में मिले सबूतों के आधार पर इसी साल अगस्त में राधाचरण सेठ और उनके पुत्र कन्हैया से प्रवर्तन निदेशालय की स्थानीय टीम ने लंबी पूछताछ की थी। इस पूछताछ के क्रम में प्रवर्तन निदेशालय को कई अहम जानकारियां मिली थी। जिनसे सेठ के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को और मजबूती मिली थी।

12 घंटे तक छापामारी के बाद, हुई थी गिरफ्तारी

ईडी की टीम ने बालू सिंडिकेट में फंसे जदयू विधान पार्षद राधा चरण सेठ की गिरफ्तारी से पहले करीब 12 घंटे तक उनके पटना और भोजपुर स्थित अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी की अलग-अलग टीमों ने बुधवार को सुबह करीब आठ बजे ही सेठ के पटना और भोजपुर के ठिकानों पर फिर धावा बोला।

पटना में सेठ के सरकारी और निजी आवास के साथ ही आरा के बाबू बाजार स्थित आवास, रेलवे स्टेशन के पास अनाईठ बिहारी मिल फार्म हाउस, होटल और दूसरे जगहों पर छापेमारी की गई। सूत्रों की माने तो छापामारी के दौरान राधाचरण के आवास से हिसाब-किताब के दस्तावेज, कारोबार से जुड़े अहम कागजात के अलावा संपत्ति में निवेश के भी कुछ दस्तावेज भी ईडी को हाथ लगे। हालांकि, ईडी ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की।

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