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केसठ में चरमराई बिजली व्यवस्था, ग्रामीणों में आक्रोश

 

बक्सर पब्लिक न्यूज़:- बक्सर /केसठ बिहार सरकार की शत प्रतिशत सफल बिजली व्यवस्था प्रखंड में चरमरा गई है या यू कहे कि मुंह चिढ़ा रही है।लोगो के घर में लगे पंखे,बल्ब आदि शोभा की वस्तुएं बन कर रह गई है।बताते चलें की प्रखंड के रामपुर गांव स्थित पावर हाउस की लोड बढ़ने के कारण किसानों सहित ग्रामीणों को बिजली आपूर्ति पूर्ण रूप से नही मिल रही है।बारिश नही होने के कारण किसान पूर्ण रूप से बिजली से संचालित मोटर पर ही अपने फसल का पैदावार कर ने में जुटे है। कतिकनार गांव के दिग्विजय सिंह, अभिमन्यु सिंह, ललू,रितेश,नागेंद्र सिंह,बिहारी सिंह, टुनटुन, मंगल सिंह सहित सैकड़ों आक्रोशित ग्रामीण रामपुर पावर हाउस पहुंच कर पावर हाउस का घेराव किया।घेराव करते हुए ग्रामीणों ने कहा की उमस भरी गर्मी और ऊपर से लगातार हो रही बिजली की कटौती ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है।शुक्रवार की देर रात्रि बाद शनिवार की शाम तक बिजली गुल रही। बिजली गुल होने के बाद पता नहीं होता है कि बिजली दोबारा कब आएगी। दिन हो या रात बस लोगों को अघोषित बिजली कटौती का ही भय सताता रहता है कि बिजली ना जाने कब गुल हो जाए। बिजली कटौती के कारण लोगों की पूरी दिनचर्या खराब होकर रह जाती है। उमस भरी गर्मी से छोटे बच्चे, महिला और बुजुर्गों को भारी कठनाईयों का सामना करना पड़ता है। खासकर ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की अघोषित कटौती से ग्रामीणों में सरकार के प्रति रोष व्याप्त है। बिजली विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लिए बनाए गए शेड्यूल के अनुसार भी बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है ।जिसके कारण आजकल पड़ रही चिपचिपाती गर्मी और अघोषित बिजली कटौती ने लोगों की रात की नींद और दिन का चैन छीन लिया हैं। वही छोटे उद्योग व बिजली पर निर्भर दुकानदारों में बिजली विभाग के प्रति खास गुस्सा व्याप्त है। अघोषित बिजली कटौती ने पेयजलापूर्ति को भी बिगाड़ दिया है। इधर विभागीय सूत्रों ने बताया लाइनों में फाल्ट पर आई खराबी के कारण व्यवस्था बिगड़ जाती है।

पेयजल आपूर्ति रही बाधित

लगभग 12 घंटो से अघोषित बिजली कटौती से लोगो को पेयजल आपूर्ति की संकट सामने आने लगी है।इस बिजली कटौती से लोग पानी के लिए इधर उधर जाते नजर आए।चापाकलो पर लोगो की काफी भीड़ देखी गई।

लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है असर

लगातार बिजली कटौती से लोगो की दिनचर्या बिगड़ गई है।लोग इस उमस भरी गर्मी के कारण बीमार पड़ रहे है।उल्टी, सिर दर्द सहित दर्जनों बीमारियों के चपेट में आने लगे है।स्थानीय पीएचसी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हर 10 मरीजों में से 6 मरीज इस बीमारी का इलाज कराने को ले पहुंच रहे है।

कृषि फीडर को नही मिल रही है बिजली:

इस चरमराती बिजली कटौती ने किसानों की आखों की नींद उड़ा दी है और फसल पैदवार की चिंता बढ़ गई है।बता दे की केसठ पश्चिमी बाजार में लगभग 60 प्रतिशत किसान बिजली के भरोसे खेती करते हैं।इस समय धान की फसल को पटवन की अतिआवश्यक है।सरकार द्वारा किसानों को पटवन करने के लिए 16 घंटे की बिजली देने का निर्देश दिया है।ऊपर किसान फीडर में बिजली नही रहना ये निर्देश का अनुपालन है ।लेकिन शनिवार को कृषि फीडर में बिजली नही रहने के कारण किसान चिंतित है।किसान,संतोष कुमार आर्य,आकाश,चंदन आदि ने बताया की बिजली कटौती से पूरे किसान चिंतित है।

बिजली कटौती किसानों और लोगो के लिए मुसीबत:पप्पू यादव

राजद नेता सुनिल कुमार यादव उर्फ पप्पू यादव ने कहा की बिजली विभाग की मनमानी रवैए से आम जनता सहित किसान चिंतित है।उन्होंने बिजली विभाग के मांग करते हुए कहा की जल्द से जल्द बिजली में सुधार की जाए नही तो हर जगह नारेबाजी सहित उग्र आंदोलन होगा।

क्या कहते है बिजली एसडीओ

इस संबंध में जानकारी देते हुए डुमरांव बिजली एसडीओ राकेश दुबे ने बताया की लोड बढ़ने के कारण सुचारू रूप से बिजली संचालित नहीं हो पा रही है।विभाग पूरी तरह से इस समस्या का समाधान करने में लगा हुआ है।अभी लगभग 15 दिनो तक नियमित शेड्यूल के कारण बिजली नहीं मिल पाएगी। अभी हर क्षेत्रों में एक घंटे बीच लगा कर बिजली दी जा रही है।वही उन्होंने कहा की बिजली आपूर्ति में कमी के कारण मांग के अनुरूप विद्युत आपूर्ति नहीं हो पा रही है। दिन के समय में पावर की मांग कम रहती है। इसलिए प्राय: दिन के समय लोड शैडिग कम होती है, जबकि संध्या एवं रात्रि के समय पावर की मांग काफी बढ़ जाती है। इसलिए इस दौरान मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं हो पाने से लोड शैडिग की जाती है। जितनी पावर मिल रहा होता है।उसी के अनुसार कुछ फीडर को कुछ समय के लिए बंद एवं कुछ को चालू रखा जाता है।

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