कंबल वाले बाबा के नाम पर उमड़ा ,भक्तों का जन सैलाब

बक्सर पब्लिक न्यूज़ :- बक्सर/राजपुर प्रखंड के पिपराढ़ गांव में गंगा पुत्र त्रिदंडी स्वामी महाराज द्वरा देश भर के कई साधु-महात्माओं को आमंत्रित किया है। उनका यह कहना है कि यहां वह एक ऐसा आयोजन करेंगे जो अभी तक किसी भी संत-महात्मा ने नहीं कराया होगा। उन्हें उम्मीद है कि संयोजन से उनकी भी ख्याति दूर-दूर तक फैल जाएगी। इसी आयोजन के तहत उन्होंने शनिवार को काले कंबल वाले बाबा का दरबार अपने यहां लगाया लेकिन दरबार में सारी व्यवस्थाओं की पोल खुलती नजर आई। जो श्रद्धालु आस्था और भक्ति में सराबोर होकर वहां पहुंचे थे उन्हें वहां की अव्यवस्थाओं ने काफी परेशान किया। साथ ही काले कंबल वाले बाबा के जिस चमत्कार की बात हो रही थी वह अंधविश्वास से ज्यादा कुछ भी नहीं निकला।
ढाई से डेढ़ से दो हज़ार लोगों की भीड़ में ही अफरातफरी की स्थिति :
काले कंबल वाले बाबा से अपने लकवा, पोलियो, गठिया, मधुमेह, रक्तचाप आदि ठीक करने पहुंचे डेढ़ से दो हज़ार लोगों की भीड़ पहुंची थी। लेकिन वहां पर उनके बैठने तक के भी बेहतर व्यवस्था नहीं थी निर्धारित समय से 3 घंटा विलंब से पहुंचे बाबा ने जब इलाज शुरु किया तो वह खुद ही परेशान हो गए । और 10 मिनट के अंदर वापस एसी लगी कुटिया में लौट गए। कंबल वाले बाबा जहां लोगों का इलाज करने पहुंचे थे। वहीं खुद ही पसीने से तरबतर होकर परेशान हो जा रहे थे। हालांकि हमसे हुई बातचीत में उन्होंने पुनः यह दावा किया कि उनके दरबार में असाध्याय रोग ठीक हो जाते हैं। और यह सब कुछ देवी माता के द्वारा उनको दिए गए कंबल के कारण होता है। जब यह पूछा गया कि आज लोग ठीक क्यों नहीं हो रहे? तो उन्होंने कहा कि लोगों को कम से कम पांच बार आना होगा।
यज्ञ स्थल पर पहुंचे लोगों ने कहा – सभ्य लोग ऐसे आयोजनों में आने से करें परहेज :
लोगों की जो भीड़ वहां पहुंची थी उसे व्यवस्थित करने का कोई इंतजाम कार्यक्रम के आयोजन के द्वारा नहीं किया गया था। ऐसे में कार्यकर्ता भी परेशान थे और कई बार कई लोगों के साथ उनकी झड़प तथा मार पीट तक हो गई। जिला मुख्यालय से अपने पुत्र का इलाज करने के लिए पहुंचे राम जी तिवारी की पत्नी तो गर्मी से बेहोश होकर गिर गई। वही संजीत कुमार ने बताया कि जो चमत्कार की उम्मीद में वह यहां पहुंचे थे वह चमत्कार कहीं नहीं दिखा। लेकिन जिस तरह की अभद्रता और अव्यवस्था यहां पर है। ऐसे में किसी भी सभ्य व्यक्ति को ऐसे आयोजन में आने से परहेज करना चाहिए। व्यवस्था को दुरुस्त करने के बजाय संत-महात्मा स्वयं ही माइक से लोगों से अभद्रता से बातचीत कर रहे हैं।
नंबर लगाने के नाम पर 500 रुपये की वसूली :
कंबल वाले बाबा से दिखाने के लिए नंबर लगाया जा रहा था । इसके लिए 500 रुपये की वसूली प्रति व्यक्ति की जा रही थी। पिपराढ़ गांव निवासी हिमांशु राय पुरैनी निवाड़ी मिनी सिंह आदि ने बताया कि यहां काली कंबल वाले बाबा से मिलने के लिए 500 रुपये का शुल्क देना पड़ रहा है। शुल्क देने के बाद उनका नंबर लगाया जा रहा है ।और फिर किसी तरह धक्का-मुक्की कर वह बाबा तक पहुंच जा रहे हैं।
कुछ भी बोलने से बच रहे हैं गंगापुत्र :
पहले ही आयोजन में अव्यवस्थाओं को देख गंगा पुत्र भले ही चेहरे पर मुस्कान बिखेर रहे थे। लेकिन उनकी चिंता उस वक्त झलक गई जब उनसे पूछा गया कि धर्मायोजन कैसा रहा । तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। कहीं ना कहीं वह भी स्वयं मान रहे थे । कि इस तरह का आयोजन अब उनसे नहीं संभल रहा। बहरहाल जो लोग वहां पर गए थे वह किसी तरह वहां से लौट गए।